कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र सरकार के शीर्ष अधिकारी की ओर से लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां गृह विभाग के प्रधान सचिव (विशेष) के तौर पर पदस्थ आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता ने डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वाधवान के परिवार के लिए इमरजेंसी पास जारी किया। इसी पास के आधार पर सीबीआई और ईडी से बचने के लिए खंडाला में छिपे वाधवान ब्रदर्स परिवार के 21 लोगों के साथ 5 गाड़ियों में सवार बुधवार को महाबलेश्वर स्थित अपने फार्म हाउस जा रहे थे। लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। लापरवाही के मामले में आईपीएस गुप्ता को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा गया है। पुलिस ने परिवार के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर केस दर्ज किया है। सभी लोग एक बिल्डिंग में क्वारैंटाइन है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में जांच की मांग की थी। इसके अलावा भाजपा नेता किरीट सोमैया ने गुप्ता की ओर से जारी लेटर की कॉपी ट्वीट करते हुए लिखा- उद्धव ठाकरे सरकार वाधवान परिवार को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है।
वाधवान फैमिली के महाबलेश्वर पहुंचने की जांच होगी
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि वाधवान परिवार के 23 सदस्य महाबलेश्वर कैसे पहुंचे इसकी जांच होगी। उन्होंने ट्वीट किया, 'मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद प्रधान सचिव गुप्ता को उनके खिलाफ जांच जारी रहने तक अवकाश पर भेजा गया है। कानून सभी के लिए समान है।'
आईपीएस गुप्ता ने लेटर में क्या लिखा था?
अमिताभ गुप्ता ने आधिकारिक पत्र में लिखा, 'निम्न लिखित (व्यक्ति) को मैं अच्छी तरह से जानता हूं क्योंकि वे मेरे पारिवारिक मित्र हैं और परिवार में इमरजेंसी के कारण वह पुणे के खंडाला से सतारा के महाबलेश्वर तक की यात्रा कर रहे हैं। इन्हें गंतव्य तक पहुंचने में सहयोग किया जाए।' इस पत्र में वाधवान परिवार के 5 वाहनों की डिटेल भी दी गई थी। हालांकि उनके इस कदम से मुख्यमंत्री ठाकरे नाराज हो गए, क्योंकि सरकार सभी लोगों को घर में रहने की सलाह दे रही है।
खंडाला से भागकर महाबलेश्वर पहुंचे थे वाधवान ब्रदर्स
जांच में सामने आया है कि वाधवान भाइयों ने कोरोनावायरस को अपनी ढाल बनाकर ईडी और सीबीआई से बचने का प्रयास किया था। यस बैंक धोखाधड़ी मामले में उन्हें सीबीआई ने 7 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं गए। सीबीआई के सामने पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ स्थानीय अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। जांच एजेंसियों से बचने के लिए वे मुंबई से बाहर भाग निकले। यह पूरा परिवार पिछले कई दिनों से खंडाला के एक गेस्ट हाउस में छिपा हुआ था। लॉकडाउन के बाद से गेस्ट हाउस का संचालक इन पर लगातार कमरे खाली करने का दबाव बना रहा था। जिसके बाद ये 8 अप्रैल को अमिताभ गुप्ता के पत्र को लेकर महाबलेश्वर की ओर निकले। सतारा पुलिस ने उन्हें महाबलेश्वर से कुछ किलोमीटर पहले पकड़ लिया। सूत्रों के मुताबिक, वाधवान का महाबलेश्वर में फार्म हाउस है और वे वहीं जा रहे थे। अब सीबीआई और ईडी पुलिस के संपर्क में हैं।
वधावन परिवार के पड़ोसी हैं अमिताभ गुप्ता
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता एडीजी रैंक के अफसर हैं। अमिताभ गुप्ता ने ही अभिनेता शाइनी अहूजा को नौकरानी के साथ रेप केस में गिरफ्तार किया था। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले 51 साल के गुप्ता ने इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग में बी.टेक किया है और वे वर्तमान में मुंबई के बांद्रा में वाधवान परिवार के पड़ोस में रहते हैं। यहीं से उनकी पहचान कपिल वाधवान और नीरज वाधवान से हुई। वे फिलहाल सरकार और पुलिस डिपार्टमेंट के बीच समन्वय के लिए महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग में काम कर रहे हैं।
कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में
महाराष्ट्र में संक्रमण के अब तक 1380 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है, वहीं 97 की मौत हो चुकी है। देशभर में मौत और संक्रमण के अब तक सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में है। गुरुवार को ही राज्य में सबसे ज्यादा 229 नए केस सामने आए, जिसमें सबसे ज्यादा 79 केस मुंबई (बीएमसी क्षेत्र) के हैं।